मेरा लेखन मेरे शब्दों की जीवनयात्रा हैं,
और तुम्हारा उन्हें पढ़ लेना, उनका मोक्ष!
न जाने अभी कितना और भटकना होगा,
कितनी यात्राएं पूरी करनी होगी!
बड़े लोग कहते है न?
मोक्ष…सरल नहीं है..!
मोक्ष प्राप्त करने के लिए छोड़नी होगी,
मोक्ष की कामना!
पर बिना मंज़िल का पता जाने…
कितना चल पायेंगे मेरे शब्द..और कहाँ तक?
थकने की आशंका लिये,
मेरे शब्द ठहर गये है..इक अनजान सराय में!
शायद रात ढलते ही..ये हौंसला लेंगे..
फिर से चलने का!
#Nkpenning
Marvelous
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Bhai waah,
Bht khoob bhai saabh.
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Beautiful post.
Roopkumar2012
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