आँधी बहुत तेज़ थी,
लोग कह रहे है कि रेत का तूफान था,
घर में हर जगह मिट्टी हो गयी है,
पर लोग सहमे हुए नहीं है..क्युंकि तूफान
अब थम गया है!
क्या सभी तूफान थम जाते है?
जब मन क्रंदित हो..और वेदना आंदोलन के चरम पर..
और कोई पूछ ले
“कैसे हो? कुछ कहना चाहते हो?”
तब होता है न
अश्रुगंगा ह्रदय से उद्गम हो
धैर्य के सभी बाँधों को तोड़ते हुए..बह चलती है..
पर क्या हो जब कोई पूछने वाला न हो?
तब तूफान दब जाते है…और उभरते है पुन: प्रलयकारी रूप में!!
मिट्टी की छटपटाहट अगर हवा न सुनती..
तो ये तूफान नहीं उठता..नहीं थमता..
पूछ लेने से..तूफां उठते है..थम जाते है..!
Exactly 😊👌
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